सांवेर का इतिहास

इतिहास के झरोखे में नजर डाले, तो सांवेर का उल्लेख मिलता है, सांवेर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि सदियों पुरानी है। इसका उल्लेख यहाँ के मकान व शिलालेखो पर देखने को मिलता है। सांवेर का प्राचीन नाम "सगाना" हुआ करता था, जो कि श्री बाजीराव पेशवा के समय से सांवेर में परिवर्तित हो गया था । उपलब्ध जानकारी के अनुसार शंहशाह हुमायूँ के दिल्ली दरबार में जागीरदार माननीय श्री ठाकुर सिदासजी कानूनगो द्वारा हिजरी सन 966 वि.स. 1602 याने करीब 450 वर्ष पूर्व सांवेर की स्थापना की गयी। सांवेर में कुछ मकानों कि नक्काशी व शिल्पकार्य से भी अनुमान लगता है कि सांवेर पुरातनकाल में भी अस्तित्व में था। नगर के लगभग सभी मंदिरों मसलन राम मंदिर, कृष्ण मंदिर, शंकर मंदिर, केदारेश्वर मंदिर, नील कंठेश्वर मंदिर, गणेश मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, अनंतनारायण मंदिर आदि की स्थापना देवी अहिल्या बाई होल्कर के शासन काल में हुई थी। नगर के उज्जैन स्थित खेडापति हनुमान मंदिर (बड़े हनुमान मंदिर) की स्थापना श्री शिवाजी महाराज के दूत स्वामी समर्थ रामदासजी द्वारा की गयी थी। तात्कालिक समय में होलकर राजघराने की सीमा बड़े हनुमान मंदिर पर समाप्त होती थी, और यही से ग्वालियर के सिंधिया राजघराने की सीमा प्रारंभ होती थी । मुगलकाल से होल्कर स्टेट तक नगर का मुख्य मार्ग इस प्रकार था कि प्रवेश दर्जीकराडिया ग्राम से सीधा वर्तमान बाय पास के बींचोबीच होते हुए चामुंडा मंदिर परिसर तक आता था। मंदिर परिसर से रास्ता मह्स्कर सा. के सामने वाले मार्ग से बाज़ार चौक में आता था। सन 1926 में होल्कर शासनकाल में शंकर मंदिर की गली को वर्तमान के मुख्य मार्ग में बदला गया था। वर्ष 1898 में नगर में विधिवत तहसील कार्यालय की स्थापना हुई एवं जालमसिंह जी नगर के प्रथम तहसीलदार बने थे। नगर में पुलिस थाने की विधिवत स्थापना वर्ष 1905 में हुई एवं कन्या स्कूल की स्थापना वर्ष 1935 में हुई थी। प्रधानामंत्रित्व काल में नगर में प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरु , श्रीमती इंदिरा गाँधी एवं श्री अटल बिहारी वाजपेयी आये थे। स्थानीय बाज़ार चौक में उनका स्वागत किया गया था। भू-दान आन्दोलन के तहत परम संत विनोबा भावे सांवेर नगर में पधारे थे, सांवेर की जनता ने उनका ऐतिहासिक स्वागत तथा अगवानी की थी।



Comments

  1. Sanver ke bare men rochk aur gyanvadhak lekh.hardik badhai.

    ReplyDelete
  2. आपके ब्लोग पर आ कर अच्छा लगा! ब्लोगिग के विशाल परिवार में आपका स्वागत है! अन्य ब्लोग भी पढ़ें और अपनी राय लिखें! हो सके तो follower भी बने! इससे आप ब्लोगिग परिवार के सम्पर्क में रहेगे! अच्छा पढे और अच्छा लिखें! हैप्पी ब्लोगिग!

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog