Sanwer Nagar

भौगोलिक

सांवेर तहसील की भौगोलिक स्थिती विश्व के मानचित्र पर (22.98 डिग्री) अक्षांश, 22 ° 58 '48 "भूमध्य रेखा और देशांतर (75.83 डिग्री) के उत्तर 75 ° 49' 47" प्राइम मेरिडियन के पूर्व में तथा समुद्र तल से न्यूनतम २३९.२९ मीटर पर स्थित है| सांवेर इंदौर संसदीय क्षेत्र में आता है| शासकीय मानचित्र बताते है की नैसर्गिक रूप से भी उन्नत है| गेंहू, कपास, चना, मक्का, सोयाबीन आदि यहाँ की मुख्या फसले है|

ऐतिहासिक

सांवेर मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक नगर था जिस की झलकिया आज भी मिलती है | मालवा के मध्य में उत्तर छोर खान (ख्याता) नदी तट पर बसा सांवेर नगर में इतिहास लबालब भरा पड़ा है | सांवेर के पश्चिम में चन्द्रावती गंज के आगे ग्वालियर, पूर्व में पवार स्टेट और दक्षिण में होल्कर स्टेट की सीमाए लगती थी| आज भी सांवेर में ऐसे मकान, मंदिर और अन्य विरासत के प्रमाण मौजूद है | इस सांवेर का अतीत कितना सम्रद्धिशाली रहा होगा, इसका अंदाज सांवेर के कुछ पुराने माकन देखकर किया जा सकता है | आज भी इतिहास के बहुत अवशेष यहाँ मिलते है| सांवेर की वैभवता व् ऐश्वर्य की जीवनगाथा सुनाने वाले कई अवशेष आज भी सांवेर के दामन में बिखरे पड़े है| सांवेर मुग़ल, होल्कर स्टेट, अंग्रेज सभी संस्कृतिया, रीती-रिवाजो व् परम्पराओ को अपने में आत्मसात किये हुए है| हिंदी, मालवी व् थोड़ी बहुत मराठी भाषा की संगम स्थली है| मुग़ल कल इस नगर का साक्षी रहा है, अपने संस्मरणों में इस नगर की उद्योग व्यवस्था का विशेष उल्लेख रहा है |
धार्मिक एवं सांस्कृतिक

पतित पावनी क्षिप्रा के उज्जैन महांकालेश्वर व् नर्मदा के तट पर ओमकारेश्वर के बीच खान (ख्याता) नदी के तट पर सांवेर को बसाया गया था| मालवी संस्कृति यहाँ के कण-कण में समाहित है | सांवेर की माटी की सौंधी सुंगंध में इस्लाम धर्म को मानने वालों की ईद सुवास भी यहाँ के वातावरण में है| हिन्दू, जैन, सिख, मुस्लिम धर्मावलम्बियों के दशहरा, दीपावली, नवदुर्गा, गणेशोत्सव, गुरुपर्व, रमजान के मेले आदि त्यौहार शान से मनाये जाते है| सर्वधर्म एकता का अद्भुत नजारा यहाँ देखने को मिलता है| सांवेर का एक मेला जो लोग धधकते अंगारों पर चलकर अपनी आस्था का परिचय देते है| यह मेला सदियों से लगता है, जिसमे आसपास के हजारो लोग शामिल होते है| यहाँ पर सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक व् राष्ट्रीय महोत्सव धामधूम से मानाने में सफल रहा है | यहाँ के माहोल में धर्म, संस्कृति व् इतिहास का संगम दिखता है| साथ ही सदभाव,संस्कार,परिवेश व् परम्पराओ की तुलना में समन्वय स्थली सांवेर का दर्शन भारतवर्ष की झलकिया देखने को मिलती है |

Link "www.sanwerpahal.com"'

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